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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Chandan chawal Bel ki patiya shivji ke mathe dharo,चंदन चावल बेल की पतिया शिव जी के माथे धरो,shiv bhajan

चंदन चावल बेल की पतिया शिव जी के माथे धरो,

चंदन चावल बेल की पतिया शिव जी के माथे धरो, हे भोलानाथ दिगंबर ये दुख मेरे हरो, हरो रे…..



अगर चंदन का बश्म चढ़ाउ, शिव जी के पैयाँ पडु नंदी उपर स्वार भयो रामा, मस्तक गंगा धरो ये दुख मेरे हरो…….



शिव शंकर जी को तीन नेत्र हैं, अद्भुत रूप धरो अर्धगी गौरी पुत्र गजानन, चंद्रमा माँथे धरो, ये दुख मेरे हरो…….



आसन डाल सिंहासन बैठे, शांति समाधि धरो कंचन थाल कपूर की बाती, शिव जी की आरती करो ये दुख मेरे हरो…....



मीरा के प्रभु गिरधरनागर चरणो में शीश धरो हे भोलानाथ दिगंबर मोरे, ये दुख मोरे हरो सब दुख मोरे हरो…….



चंदन चावल बेल की पतिया, शिव जी के माथे धरो, , हे भोलानाथ दिगंबर सब दुख मोरे हरो रे…..

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