गुरु सरिका देव हमारे मन भावे,
सदा मन भावे।
गुरु काटे करम की जान,
जीव सुख पावे
गुरु काटे भरम की जान ,
जीव सुख पावे ,
गुरु सरिका देव…….
अरे वा गुरासा जी,
सेन समझ कर धाव
भाई कुन संत सजान ,
जीव डुल जावे ,
अरे हुनर चतुर सुजान
मन डुल जावे ,
अरे वा गुरासा जी ,
देव समझ कर लावे ,
भाई कुन संत सुजान मन को डुलावे ,
गुरु सरिका देव…….
ऐ इंगला पिंगला ,
नारी सुधम को लावे
भाई अरद पुरद रा बीच,
माने ठहरावे
गुरु सरिका देव…….
अरे एक खंडित नाथ ,
चरा चर धावे ,
भाई सकल भ्रम के माये ,
रेद यु जावे
गुरु सरिका देव…….
अरे बोल्या ईश्वर दास ,
भरम ने भगावे
भाई सीतल चरणों के माये ,
सदा सुख पावे
गुरु सरिका देव…….
गुरु सरिका देव हमारे मन भावे,
सदा मन भावे।
गुरु काटे करम की जान,
जीव सुख पावे
गुरु काटे भरम की जान ,
जीव सुख पावे ,
गुरु सरिका देव…….