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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bhole di barat chadhi gaj vaj ke,भोले दी बरात चढ़ी गज वज के,shiv bhajan

भोले दी बरात चढ़ी, गज वज के,

भोले दी बरात चढ़ी, गज वज के,
सारीया ने भंग पीती, रज रज के ।
हो सारीया ने सारीया ने,
सारीया ने भगत पियारिया ने ।
भोलें दी बरात चढ़ी, गज वज के,
सारीया ने भंग पीती, रज रज के।।



ब्रह्मा विष्णु खुशी मनांदे,
देवी देव जयकारे लौंदे ।
बन के बाराती आए, सज धज के,
सारीया ने भंग पीती, रज रज के।
भोलें दी बरात चढ़ी, गज वज के,
सारीया ने भंग पीती, रज रज के।।




भोले वखरा रूप बणाया,
गौरा मैया नाल ब्याह रचाया ।
वेखनु ने आए सारे, भज भज के,
सारीया ने भंग पीती, रज रज के।
भोलें दी बरात चढ़ी, गज वज के,
सारीया ने भंग पीती, रज रज के।।



‘राजू वी हरिपुरिये’ गाणी,
महिमा शिव दी कहे ‘शिवानी’ ।
साज भी ना थकदे, बज बज के,
सारीया ने भंग पीती, रज रज के।
भोलें दी बरात चढ़ी, गज वज के,
सारीया ने भंग पीती, रज रज के।।




भोले दी बरात चढ़ी, गज वज के,
सारीया ने भंग पीती, रज रज के ।
हो सारीया ने सारीया ने,
सारीया ने भगत पियारिया ने ।
भोलें दी बरात चढ़ी, गज वज के,
सारीया ने भंग पीती, रज रज के।।

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