बातों को कर लो बंद, कथा ग्यारस की सुन लो जी।
बिना पुत्र का बाप, खेतों में रोवेजी।
मेरे हका हुआ है खेत, पुत्र बिना कौन जोतेजी।। बातों को…
बिना भाई का भाई, पंचों में रोवे जी।
मेरे भाई बिना कौन, न्याय चुकावे जी।। बातों को…
बिना बहिन का भाई, राखी पे रोवे जी।
सूनी पड़ी कलाई बहिन बिना, कौन राखी बांधेजी।। बातों को…
बिना भाई की बहिन, मण्डप में रोवेजी।
मेरा सूना पड़ा है मण्डप, भाई बिना कौन पहनावेजी।। बातों को…
बिना पति की नार, सेजों पर रोवेजी।
मेरी सूनी पड़ी है सेज, पति बिना कौन सवावेजी।। बातों को…