ओ लिले तूं आजा मेरे बाबा को ले कर आजा।
मैंने राह में पलकें बिछाई।मैने कुटिया अपनी सजाई। तूं अपना फर्ज निभाजा,मेरे बाबा को ले कर आजा।ओ लिले तूं आजा मेरे बाबा को ले कर आजा।
तुझ पर बैठकर मेरे बाबा नीले के असवार हुवे। पत्थर भी पारस बन जाता गर जो मेरा श्याम छुए। ओ रंग के नीले नीले, इस दास की विनती सुनले,मेरे श्याम को मुझसे मिलाजा मिला जा।ओ लिले तूं आजा मेरे बाबा को ले कर आजा।
तेरी महिमा सबसे निराली गगन भी शीष झुकाता है।श्याम का सेवक सबसे प्यारा प्रेमी के घर जाता है। मेरे श्याम को तुम ही भाये, हाजिरी में तु बिछ जाए। तूं अपना वेग दिखाजा दिखा जा।ओ लिले तूं आजा मेरे बाबा को ले कर आजा।
मेरा जी भी दरस को राह निहारे श्याम को घर पे लाना है। जीतू श्याम के चरण पड़ा है प्रेम की धार बहाना है।चरणों का दास तू प्यारे,मेरे श्याम का खास तू प्यारे,अब दर्श की प्यास बुझा जा बुझा जा।ओ लिले तूं आजा मेरे बाबा को ले कर आजा।