म्हारे मीरां रो महाराज ,ऊभा रहजो ।दौडूं तो पहुँचुं कोनी रे ,
छेटी पड़गी नाथ ,
ऊभा रहजो ।
म्हारे मीरां रो महाराज ,
ऊभा रहजो ।
म्हारे चुड़ले रा सिणगार ,
ऊभा रहजो ।
मीरां रा महाराज हवले हालो ।
आप रे भजन रे कारणे ,
म्हें छोड़्या माँयर बाप ,
ऊभा रहजो ।
वैरागण आवे लार ,
ऊभा रहजो ।
आप रे भजन रे कारणे ,
म्हें छोड्यो सहेलियों रो साथ ,
ऊभा रहजो ।
म्हारे चुड़ले रा सिणगार ,
ऊभा रहजो ॥
आप रे भजन रे कारणे ,
म्हें पेऱ्या भगवाँ वेश ,
ऊभा रहजो ।
मेड़तणी आवे लार ,
ऊभा रहजो ।
आप रे भजन रे कारणे ,
म्हें छोडूया अन ने पान ,
ऊभा रहजो ।
म्हारे चुड़ले रा सिणगार ,
ऊभा रहजो ।।
बाई मीरां री विणती ,
थे सुणोनी द्वारका रा नाथ ,
ऊभा रहजो ।
वैरागण आवे लार ,
ऊभा रहजो ॥
दौडूं तो पहुँचुं कोनी रे ,
छेटी पड़गी नाथ ,
ऊभा रहजो ।
म्हारे मीरां रो महाराज ,
ऊभा रहजो ।