मैं हार गया मैं हार गया तू क्यों चिल्लाता है। तू बेटा बाबा का काहे धीर गंवाता है।
तु श्याम का प्रेमी है पहले श्याम की गाथा पढ़ ले।पहले श्याम की गाथा पढ़ ले।पहले श्याम की गाथा पढ़ ले। उसके जीवन से सीख जीवन पथ पर आगे बढ़ले।जीवन पथ पर आगे बढ़ले।जीवन पथ पर आगे बढ़ले। जो कर्म का सच्चा है एक दिन मंजिल पाता है। प्रार्थना जिसकी सच्ची है 1 दिन मंजिल पाता है।तू बेटा बाबा का काहे धीर गंवाता है।
मैं हार गया मैं हार गया तू क्यों चिल्लाता है। तू बेटा बाबा का काहे धीर गंवाता है।
बन गए स्वार्थी हम इस भरी जवानी में।इस भरी जवानी में।इस भरी जवानी में।कुछ सीख नहीं पाए उस शीश के दानी से।उस शीश के दानी से।उस शीश के दानी से। कर्म हीन नर दुनिया में कुछ भी ना पाता है।तू बेटा बाबा का काहे धीर गंवाता है।
मैं हार गया मैं हार गया तू क्यों चिल्लाता है। तू बेटा बाबा का काहे धीर गंवाता है।
लाचारी का रोना अब रोमी तुम छोड़ो। अब रोमी तुम छोड़ो अब रोमी तुम छोड़ो। बस कर्म सुधारो तुम बाकी उस पर छोड़ो। बाकी उस पर छोड़ो, बाकी उस पर छोड़ो। सतकर्मी का हर पल बाबा साथ निभाता है। तू बेटा बाबा का काहे धीर गंवाता है।
मैं हार गया मैं हार गया तू क्यों चिल्लाता है। तू बेटा बाबा का काहे धीर गंवाता है।
हिम्मत रख भरोसा रख क्यों है गमों से चूर। बारी आएगी जरूर बारी आएगी जरूर।
श्याम के दर पर होती सब की सुनवाई। कभी किसी की अर्जी प्रभु ने लौटाई। इनके आगे चलता समय का फेर नहीं है। देर भले हो जाए पर अंधेर नहीं है। सुनने को मेरी अर्जी सुनने को तेरी अर्जी हो जाएगा मजबूर। बारी आएगी जरूर बारी आएगी जरूर।
किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है। वफा की राह में यह प्यार घायल आज भी है।किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है।
जग ने हमसे बाबा कोई सुखी नहीं है। कौन है ऐसा जग में जो दुखी नहीं है। सुख और दुख के चारों और लगे हैं मेले। इस के चक्कर में तो हम नहीं अकेले।धूप और छांव होंगे सदा, तू क्यों घबराता है। तू बेटा बाबा का काहे धीर गंवाता है।
मैं हार गया मैं हार गया तू क्यों चिल्लाता है। तू बेटा बाबा का काहे धीर गंवाता है।