तेरे चरण मेरे मथुरा काशी
बनवारी ब्रज के वासी
अँखियाँ दर्शन की मतवारी
मनमोहन मन के वासी
तेरे चरण मेरे मथुरा काशी
बनवारी ब्रज के वासी।
तू घाट घाट मे है समाया
तेरी महिमा मे क्या गाऊं
सब मैने तुमसे पाया
तुमको अब क्या भेट चढ़ाऊँ
तू घाट घाट मे है समाया
तेरी महिमा मैं क्या गाऊँ
सब मैने तुमसे पाया
तुमको अब क्या मैं भेट चढ़ाऊँ।तू ही सबका रखवाला प्रभु
तू मन का ज्योत प्रकाशी
अँखिया दर्शन की मतवारी
मनमोहन मन के वासी।
तेरी बंसी की धुन बाजी
सबकी सुध बुध खोने लागी
बंसी वट की छईयाँ में
तेरी मुरली हर पल गाती
तेरी बंसी की धुन बाजी
सबकी सुध बुध खोने लागी
बंसी वट की छईयाँ में
तेरी मुरली हर पल गाती
तेरा मोर मुकुट सांवली सूरत
अँखिया इस छवि की प्यासी
अँखिया दर्शन की मतवारी
मनमोहन मन के वासी।
मेरा मन तेरा मंदिर है
भगवान इसमें तू ही समाया
मेरे रोम रोम अंतर में
तुने भक्ति का दीप जलाया
मेरा मन तेरा मंदिर है
भगवान इसमें तू ही समाया
मेरे रोम रोम अंतर में
तुने भक्ति का दीप जलाया
तेरी शरण मे हूँ, मोहे अपना ले
तेरे द्वार खड़ा अभिलाषी
अँखिया दर्शन की मतवारी
मनमोहन मन के वासी।
तेरे चरण मेरे मथुरा काशी
बनवारी ब्रज के वासी
अँखियाँ दर्शन की मतवारी
मनमोहन मन के वासी।