गोरा घुंघट के पट खोल डालूंगा तोसे भंवरिया।
कौन राजा की परम लाडली कौन राजा घर ब्याही। कौन राजा है पति तुम्हारे जिनकी तुम घरवाली। जरा मुख से तो कुछ बोल,डालूंगा तोसे भंवरिया।गोरा घुंघट के पट खोल डालूंगा तोसे भंवरिया।
राजा हिमाचल पिता हमारे मैनावत महतारी। शिव शंकर है पति हमारे मैं उनकी घरवाली। तूने क्यों तकि है पर नार समुंदर मोसे ना बोलो।गोरा घुंघट के पट खोल डालूंगा तोसे भंवरिया।
पतिदेव के स्नान के लिए जल भरने को आई। तूने मोसे करी मखोरी अपनी मौत बुलाई। मेरे पति है मेरे स्वामी समुंदर मोसे ना बोलो।गोरा घुंघट के पट खोल डालूंगा तोसे भंवरिया।
सो नांगन को नंगा शंकर कदर ना तेरी जानी।यहां बैठी तूं मौज उड़ावे बन जा मेरी रानी।जरा करले मुझसे बात ,डालूंगा तोसे भंवरिया।गोरा घुंघट के पट खोल डालूंगा तोसे भंवरिया।
तुझमें रत्न भरे है चौदह तूं है बड़ा घमंडी।आज करेंगे स्वामी मेरे तेरी गर्मी ठंडी।मुझे भरने दे जल पात,समुंदर मोसे ना बोलो।गोरा घुंघट के पट खोल डालूंगा तोसे भंवरिया।