वृषभानु लली गुण गाइये ।राधा राधा राधा राधा
राधा राधा राधा राधा।
इनके ही चरण कमल को ध्यावत
आठों याम बिताइये।वृषभानु लली गुण गाइये ।
इनके ही नाम लेते निशीवासर
असुअन धार बहाइये।वृषभानु लली गुण गाइये ।
इनके ही नित्ये धाम बरसानो
पुनि-पुनि आइये जाइए।वृषभानु लली गुण गाइये ।
इनके परम चरित्र को श्यामा आ श्यामा –
किशोरी जू के परम चरित्र को –
सुनिए और सुनाइए ।वृषभानु लली गुण गाइये ।
इनके ही जो कृपालु जन उनते
प्रेम सुधा रस पाइए,वृषभानु लली गुण गाइये ।