तर्ज, कैसे बनी हो रामा
मायके चली मायके चली, मायके चली हो गोरा मायके चली। संभालो सिलबटना मायके चली। संभालो सिलबटना मायके चली।
पीहर में छोड़ आई बाबुल का अड्डा। तुमने दिया है भोले मुझे सिलबट्टा। हिमाचल लली में हिमाचल लली।संभालो सिलबटना मायके चली।
मायके चली मायके चली, मायके चली हो गोरा मायके चली। संभालो सिलबटना मायके चली। संभालो सिलबटना मायके चली।
एक तो भोले तुम्हारी आदत ना निकी। करते हो क्यों अपनी इज्जत को फीकी। पीके कलि पीके कलि।संभालो सिलबटना मायके चली।
मायके चली मायके चली, मायके चली हो गोरा मायके चली। संभालो सिलबटना मायके चली। संभालो सिलबटना मायके चली।
एक तो भोले तेरी आदत से हारी। दूजे पिता घर उत्सव है भारी। प्यारी लगे मोहे बाबुल की गली। संभालो सिलबटना मायके चली।
मायके चली मायके चली, मायके चली हो गोरा मायके चली। संभालो सिलबटना मायके चली। संभालो सिलबटना मायके चली।