निर्मल निर्मल पानी, माई रेवा तुम्हारो, भूखे को दे भोजन मैया, प्यासे को दे पानी, माई रेवा तुम्हारो, निर्मल निर्मल पानीं, माई रेवा तुम्हारो ।।
अमरकंठ वाली माई को, निशदिन ध्यान लगाऊ मैं, जगतारण मोरी माई नर्मदा, निशदिन मैं गुण गाऊं, माई रेवा तुम्हारो, निर्मल निर्मल पानीं, माई रेवा तुम्हारो ।।
मक्रवाहिनी माई नर्मदा, पार लगा दो नैया, साँझ सकारे आरती होवे, मंदिर बनो सुहानो, माई रेवा तुम्हारो, निर्मल निर्मल पानीं, माई रेवा तुम्हारो ।।
हर कंकर में शंकर भोले, जहाँ है घाट तुम्हारे, ऋषि मुनि जोगी तप करते, रहते घाट किनारे, माई रेवा तुम्हारो, निर्मल निर्मल पानीं, माई रेवा तुम्हारो ।।
कुटुम्ब कबीला सब तर जेहे, डुबकी एक लगा ले, हर नर्मदे बोलो रे भैया, तेरो ही सहारो, ‘राज’ रेवा तुम्हरो, निर्मल निर्मल पानीं, माई रेवा तुम्हारो ।।निर्मल निर्मल पानी, माई रेवा तुम्हारो,