म्हाने बेगो बुलाल्यो बाबा श्याम,बसाल्यो थांके गांव, ओ खाटू वाला श्याम धनी।
ओ खाटू वाला श्याम धनी। ओ लीले वाला श्याम धनी।म्हाने बेगो बुलाल्यो बाबा श्याम,बसाल्यो थांके गांव, ओ खाटू वाला श्याम धनी।
म्हारो भी मन बहुत करा है खाटू में रम जाऊ।दिन उगबा सु पहल्यां बाबा थारा दर्शन पाऊं। थाने मीठा तो भजन सुनाऊं, थाने तो अपनों बनाऊं,ओ खाटू वाला श्याम धनी।
म्हाने बेगो बुलाल्यो बाबा श्याम,बसाल्यो थांके गांव, ओ खाटू वाला श्याम धनी।
श्याम कुंड को जल बहए है देखो अमृतधारी। जो भी नहावे श्याम कुंड में बि पर किरपा भारी। मैं तो रोज ही डूबकी लगाऊं अपना तो दोष मिटाऊं ,ओ खाटू वाला श्याम धनी।
म्हाने बेगो बुलाल्यो बाबा श्याम,बसाल्यो थांके गांव, ओ खाटू वाला श्याम धनी।
जदजद थारी याद सतावे मैं दर पर आ जाऊं।। देखकर थारो मुखड़ो बाबा मैं तो खुश हो जाऊ। थाने पल-पल खबर बताऊ, थाने मन की बात बताऊं, ओ खाटू वाला श्याम धनी।
म्हाने बेगो बुलाल्यो बाबा श्याम,बसाल्यो थांके गांव, ओ खाटू वाला श्याम धनी।