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Kaha chupe kaha khade ho govardhan dhari,कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी,krishna bhajan

कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी

कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी
कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी
तेरा ही उत्सव रचाया तुम आओ हो गोवर्धन धारी।तेरा ही उत्सव रचाया तुम आओ हो गोवर्धन धारी।


कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी ॥


पलकों की पाखुडी से चवर डुलाए
पलकों की पाखुडी से चवर डुलाए
हृदय की थाल पर दीपक जलाए
हृदय की थाल पर दीपक जलाए
घर घर उमंग तेरे आवन
की आओ हो गोवर्धन धारी
कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी ॥



बार बार मौका ये ऐसा ना आएगा
बार बार मौका ये ऐसा ना आएगा
अबकी जो चूका तो फिर पछतायेगा
अबकी जो चूका तो फिर पछतायेगा
सुनाने हो अपनी तो आओ
हो गोवर्धन धारी
कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी ॥



निर्धन का तूने कभी दिल न दुखाया
निर्धन का तूने कभी दिल न दुखाया
श्रद्धा से जिसने बुलाया तू आया
श्रद्धा से जिसने बुलाया तू आया
ये भी सुनवा की कुटिया है
आवो हो गोवर्धन धारी
कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी ॥



फूल भी शरमत भी जाता कन्हैया
जीवन की नैय्या के तुम हो खिवैया
प्रेम का पंथ निभाना कन्हिया
तुम आओ हो गोवर्धन धारी
कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी
कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी ॥



कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी
तेरा ही उत्सव रचाया तुम आओ हो गोवर्धन धारी
कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी
गोवर्धन धारी गोवर्धन धारी गोवर्धन धारी
कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी
कहा छुपे कहा खड़े हो गोवर्धन धारी ॥

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