जन्नत से प्यारा भारत हमारा, लहरा तिरंगा लगा,
जय हिन्द का नारा,
जन्नत से प्यारा भारत हमारा।
जिस पे हिम ताज है, संस्कृति है अनूठी,
चरण पखारे सागर, कल कल बहती पावन, गंगा की धारा,जिसपे हमें नाज़ है,
जन्नत से प्यारा भारत हमारा ।
वीर सपूतों की, भूमि यही है, हिन्द से बढ़कर कोई,
भूमि यही है, हिन्द से बढ़कर कोई, देश नहीं है, अपने वतन को माने, आज जग सारा, जन्नत से प्यारा भारत हमारा।
भाषा हजारों कई, धर्म यहाँ पर, दुनिया में कही नहीं, ढूंढ लो जाकर, सद्भावना ने मिलकर, मुल्क संवारा,जन्नत से प्यारा भारत हमारा ।
जन्नत से प्यारा भारत हमारा, लहरा तिरंगा लगा,
जय हिन्द का नारा,
जन्नत से प्यारा भारत हमारा।