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श्याम भजन लिरिक्स

Hath kas ke pakad le mera sawre me chudana bhi chahu,हाथ कस के पकड़ ले मेरा सांवरे मैं छुड़ाना भी चाहूँ छुड़ाना सकूँ,shyam bhajan

हाथ कस के पकड़ ले मेरा सांवरे, मैं छुड़ाना भी चाहूँ, छुड़ाना सकूँ।



तर्ज- हाल क्या है दिलों का ना।

हाथ कस के पकड़ ले मेरा सांवरे, मैं छुड़ाना भी चाहूँ, छुड़ाना सकूँ।



मुझको लूटने का डर, जग के मेले में है, पाँच डाकू भी संतो के, रेले में है, ठगनी माया की, मीठी सी बातो में मैं, कभी आना भी चाहूँ तो, आना सकूँ, हाथ कस के पकड ले, मेरा सांवरे,, मैं छुड़ाना भी चाहूँ, छुड़ाना सकूँ।हाथ कस के पकड़ ले मेरा सांवरे, मैं छुड़ाना भी चाहूँ, छुड़ाना सकूँ।



हाथ में तेरे जब तक, मेरा हाथ है,
मुझको छुले कोई, किसकी औकात है, श्याम प्यारे तू,सदा मेरे साथ है, मैं भूलाना भी चाहूँ, भुला ना सकूँ, हाथ कस के पकड ले, मेरा सांवरे,मैं छुड़ाना भी चाहूँ, छुड़ाना सकूँ।।हाथ कस के पकड़ ले मेरा सांवरे, मैं छुड़ाना भी चाहूँ, छुड़ाना सकूँ।



श्याम ‘संदीप’ को तू, बना बांसुरी,
तेरे हाथो में बन के रहूं बांसुरी,नाचू छम छम छमाछम, सर किसी और दर पे, कभी सांवरे, मैं झुकना भी चाहूँ,झुकाना सकूँ,हाथ कस के पकड़ ले मेरा सांवरे, मैं छुड़ाना भी चाहूँ, छुड़ाना सकूँ।

हाथ कस के पकड़ ले मेरा सांवरे, मैं छुड़ाना भी चाहूँ, छुड़ाना सकूँ।

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