क्यों बैठा चुपचाप तू कुछ तो बोल सँवारे
तेरे कै से मन में भेद आज दे खोल सँवारे।
कुछ मेरी सुनले बाबा
जो भी गलती हुए मेरे से सारी आज भुलादे।
बोलन में तेरा कुन सा लागे मोल सँवारे।तेरे कै से मन में भेद आज दे खोल सँवारे।
कुछ मेरी सुनले कुछ अपना हाल सुना दे
जो भी ग़लती हुए मेरे से सारी आज भुला दे
बोलन में तेरा कुणसा लागे मोल संवारे
तेरे कै से मन में भेद आज दे खोल संवारे।
इब मेरी बात पे गौर करे ना यो दुख सो गहरो
मैने सौ सौ रूक्के मार लिए,क्यो बन रहा बैठो बेहरा।मैं साफ़ कहु मानने लगे से कुछ रोल संवारे।तेरे कैसे मान में भेद आज दे खोल संवारे।
मोना तो तेरे नाम की बाबा करती रोज बड़ाई
आज कल तू भीम सेन की करता नही सुनाई
मैंने कौन सी बहस लाई संवारे
तेरे कैसे मन में भेद आज दे खोल संवार।
क्यों बैठा चुपचाप तू कुछ तो बोल सँवारे
तेरे कै से मन में भेद आज दे खोल सँवारे।