तर्ज- कितना प्यारा तुझे।
इतना प्यारा तुझे,किसने सजाया,
दिल करे देखता रहूं,
है श्रृंगार निराला तेरा,
है दरबार निराला,दूल्हा सा बन बैठा, देखो अपना खाटू वाला, प्यारा प्यारा तुझे, किसने सजाया,दिल करे देखता रहू।
पचरंगी पगड़ी पे, मोरपंख प्यारी,
केसर का तिलक लगा, कानो में बाली, कजरारे तेरे नैना,अधरों पे सोहे बैना, लट घुंघराली काली काली, गल वैजन्ती माला, दूल्हा सा बन बैठा, देखो अपना खाटू वाला, ईतना प्यारा तुझे,
किसने सजाया, दिल करे देखता रहूं।
केसरिया बागे पे, फूलों की लड़िया, अंतर की खुशबु से, महके ये दुनिया, जो भी देखे सुध भुलाए, वो दीवाना होता जाए,वो दीवाना होता जाए, लीला घोडा छमछम नाचे, होकर के मतवाला, दूल्हा सा बन बैठा,देखो अपना खाटू वाला, ईतना प्यारा तुझे,किसने सजाया, दिल करे देखता रहूं।
‘गोलू’ का प्यारा है, कलयुग अवतारी, ये दुनिया सारी, कहा जिसने सच ही कहा है, श्याम जैसा कोई ना है,पर्ची से परिचित है,पल में किस्मत चमका दे,ऐसा जादूगारा,
दूल्हा सा बन बैठा, देखो अपना खाटू वाला, ईतना प्यारा तुझे,किसने सजाया, दिल करे देखता रहूं।