गली गली बाज़ार में, सात समंदर पार में, गूंजे एक ही नाम, जय श्री श्याम, जय श्री श्याम।
मेला भरता है खाटू में, बाबा के मंदिर में, झोलियाँ भर जाती खाली, बाबा के मंदिर से, श्याम भरोसे है जो प्रेमी, बोले एक ही नाम, जय श्री श्याम, जय श्री श्याम।गली गली बाज़ार में, सात समंदर पार में, गूंजे एक ही नाम, जय श्री श्याम, जय श्री श्याम।
आयेंगे जब लीले चढ़के, बाबा श्याम हमारे, करेंगे स्वागत ज़ोर-शोर से, मिलकर भक्त प्यारे, धन्य है जिसकी जीवन में हो, बाबा से पहचान, जय श्री श्याम, जय श्री श्याम।गली गली बाज़ार में, सात समंदर पार में, गूंजे एक ही नाम, जय श्री श्याम, जय श्री श्याम।
झूम झूम कर नाचे प्रेमी, बाबा के भजनों पे, अनिल’ संग ‘रजनीश’ रिझाएँ, बाबा को भजनों से, बने हैं सारे जिसके काम, उसकी जुबां पर एक ही नाम, जय श्री श्याम, जय श्री श्याम।
गली गली बाज़ार में, सात समंदर पार में, गूंजे एक ही नाम, जय श्री श्याम, जय श्री श्याम।