लाखो दानी देखे लेकिन तेरी अलग कहानी
भोले दानी बाबा भोले दानी
भोले दानी जय हो भोले दानी।
तुम्हारे कोई नहीं की शंका
हंसके रावण को दे डाली लंका
चुरा ले गया सपने रावण
बैठी रही भवानी
भोले दानी बाबा भोले दानी
भोले दानी जय हो भोले दानी।
तेरा पर ना कोई पाया
धुन अदभुत रूप बनाया
है भुजंग भूषण भूषण
स्वर गंगा महारानी
भोले दानी बाबा भोले दानी
भोले दानी जय हो भोले दानी।
जिनको त्रिभुवन ने ठुकराय
उनको तुम ने है अपना
अपना लो हम को भी
बे धड़क है लक्खा अज्ञानी
भोले दानी बाबा भोले दानी
भोले दानी जय हो भोले दानी।