तर्ज,चीर के छाती बोले अपनी
खाटू वाले श्याम करेंगे जीवन का उद्धार, भाग्य से मिला श्याम दरबार। भाग्य से मिला श्याम दरबार। सच्चे दिल से श्याम रिझाले करेंगे बेड़ा पार,भाग्य से मिला श्याम दरबार।भाग्य से मिला श्याम दरबार।
बचपन गया जवानी आई माया ठगनी जाल बिछाई। रिश्ते नाते अति लुभाते, संगी साथी प्रेम लुटाते। इनमें उलझ उलझ कर भूली प्रभु का सच्चा प्यार।भाग्य से मिला श्याम दरबार।भाग्य से मिला श्याम दरबार।
करने लगे हम तेरा मेरा, भूल गए 84 फेरा। कदम कदम पर चिंता घेरे, जीवन में है कष्ट घनेरे। हार गए जब दौड़ दौड़ कर जीवन में लाचार। भाग्य से मिला श्याम दरबार।भाग्य से मिला श्याम दरबार।
भजन भाव का लिया सहारा, पल भर में पाया निस्तारा। सच्चे सुख का भान हो गया, जीवन का कल्याण हो गया। नंदू भजन भाव से होता जग का बेड़ा पार। भाग्य से मिला श्याम दरबार।भाग्य से मिला श्याम दरबार।
खाटू वाले श्याम करेंगे जीवन का उद्धार, भाग्य से मिला श्याम दरबार। भाग्य से मिला श्याम दरबार। सच्चे दिल से श्याम रिझाले करेंगे बेड़ा पार,भाग्य से मिला श्याम दरबार।भाग्य से मिला श्याम दरबार।