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श्याम भजन लिरिक्स

Kalyug ka raja ye shish ka Dani,कलयुग का राजा, ये शीश का दानी ये दुनिया हुई है मेरे श्याम की दीवानी,shyam bhajan

कलयुग का राजा, ये शीश का दानी, ये दुनिया हुई है, मेरे श्याम की दीवानी ।



तर्ज- गरीबों की सुनो।



कलयुग का राजा, ये शीश का दानी, ये दुनिया हुई है, मेरे श्याम की दीवानी ।

सारे जग में खाटू वाले, श्याम का डंका बाज रहा, खाटू धाम से बैठा वो, भक्तों के काम सवार रहा, विश्वास जिसको ये हो गया है, श्याम का प्रेमी वो हो गया है, देता है जो हारे को सहारा, वो ही लगे श्री श्याम को प्यारा, सच्चे प्रेमी की रखता है, शीश का दानी,हरदम वो निगरानी, हैं कलयुग का राजा,ये दुनिया हुई है, मेरे श्याम की दीवानी ।

गली गली और गांव गांव में, एक यही जयकार है, खाटू वाले श्यामधणी का, सच्चा दरबार है, सच्ची पुकार हो तो दर पे बुलाए, सोए हुए उसके भाग जगाए, एक नहीं ऐसे लाखों नजारे, दरबार आके जिनके हुए वारे न्यारे, विनती करता जा तुझपे भी, होगी मेहरबानी, ये शीश का दानी,
हैं कलयुग का राजा,ये दुनिया हुई है, मेरे श्याम की दीवानी ।

राजा के दरबार में भैया, शीश झुका जो आता है, ये ही सबका मालिक है, ये भाव जो मन में लाता है, पाकर के उनसे तू भी बन गया है, ‘तू’ भंडार अन्न धन का भर गया है, बांट सके तो बांटना तू भी, किसी दुखियारे की सुनना कभी भी, होकर गर्व में चूर कभी,मत बन जाना अभिमानी,हैं कलयुग का राजा, ये शीश का दानी,ये दुनिया हुई है, मेरे श्याम की दीवानी ।

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