जल का लोटा हाथ में गणेश मेरे साथ में, कोई तुलसा सीचन जाए तुलसा हरी भरी मेरे राम।नित उठ तुलसा सीचियो ग्यारस को करीयो नेम,
तुलसा हरी भरी मेरे राम॥
पहली पौड़ी मैं चढ़ी मेरे ठोकर लागी पाँव,तुलसा हरी भरी मेरे राम॥नित उठ तुलसा सीचियो ग्यारस को करीयो नेम,
तुलसा हरी भरी मेरे राम॥
दूजी पौड़ी मैं चढ़ी मेरो थरथर कांपे हाथ,तुलसा हरी भरी मेरे राम॥नित उठ तुलसा सीचियो ग्यारस को करीयो नेम,
तुलसा हरी भरी मेरे राम॥
तीजी पौड़ी मैं चढ़ी मेरा सिर से उड़ गयो चीर,तुलसा हरी भरी मेरे राम॥नित उठ तुलसा सीचियो ग्यारस को करीयो नेम,
तुलसा हरी भरी मेरे राम॥
चोथी पौड़ी मैं चढी मेरी खुल गई बजर किबाढ़,तुलसा हरी भरी मेरे राम॥।नित उठ तुलसा सीचियो ग्यारस को करीयो नेम,
तुलसा हरी भरी मेरे राम॥
पांचवी पौड़ी मैं चढ़ी मुझे मिल गए सतगुरु आप,तुलसा हरी भरी मेरे राम॥।नित उठ तुलसा सीचियो ग्यारस को करीयो नेम,
तुलसा हरी भरी मेरे राम॥