तर्ज, मिश्री को बाग़
फागण को मेलो आयो रंगीलो ,
खाटू नगरी सजगी माहने प्यारी लागे,
प्यारी लागे जी महाने प्यारी लागे।
भगत रंगीला सारा आया देखो,
थारी भगता की कतार बड़ी लम्भी लागे,
फागण को मेलो आयो रंगीलो ,
खाटू नगरी सजगी माहने प्यारी लागे,
रिंग्स सु पैदल निशाँ उठावे, ढोलक चंग धमाल भजावे,
सगळा प्रेमिया री टोली मस्ती में नाचे,
नाचती टोलियां सब से न्यारी लागे,
फागण को मेलो आयो रंगीलो ,
खाटू नगरी सजगी माहने प्यारी लागे,
थे भी तो ग्यारस ने सज धज के घुमो,
मंदिर सु बाहर मेले में देखो, महाने झांकी सजी बड़ी सोहनी लागे,
खाटू नगरी सजगी माहने प्यारी लागे,
फागण मेले की छटा है निराली एसो मेलो भरे दुनिया दीवानी,
राकेश का हिवड़ा में फागुन मेलो भावे
पैदल चल के मेले में हर साल आवे,
फागण को मेलो आयो रंगीलो ,
खाटू नगरी सजगी माहने प्यारी लागे,