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shadi geet

Ab kon udhaye chunariya,मेरा भैया गया परदेश रे अब कौन उड़ाए चुनरिया,shadi geet

मेरा भैया गया परदेश रे अब कौन उड़ाए चुनरिया।

मेरा मन डोले मेरा तन डोले,मेरा भैया गया परदेश रे अब कौन उड़ाए चुनरिया।

सास ससुर सब ताने मारे बोल सहे ना जाय।छत पे बैठी काग उड़ाऊं कब मेरा भैया आय, सखिरी कब मेरा भैया आय। मेरी मां का जाया तूं क्यों न आया,अब कैसे धारूं धीर में,अब कौन उड़ाए चुनरिया।

मेरा मन डोले मेरा तन डोले,मेरा भैया गया परदेश रे अब कौन उड़ाए चुनरिया।

जेठ जेठानी सब ताने मारे बोल सहे ना जाय।रोते रोते आंगन बुहारूं,कौन अब धीर धराय। साखिरी कौन अब धीर धराय। मां की लाडली पिता की चिड़ियां,तरस रही है आज भैया,अब कौन उड़ाए चुनरिया।

मेरा मन डोले मेरा तन डोले,मेरा भैया गया परदेश रे अब कौन उड़ाए चुनरिया।

ननद देवर सब ताने मारे बोल सहे ना जाय। हिया में मेरे जल रही अग्नि उसको कौन बुझाए, सखीरी उसको कौन बुझाए।आश लगाए तेरी बहना राखी की लाज निभाना ओ भैया,राखी की लाज निभाना।आकर उड़ा जा चुनरिया।

मेरा मन डोले मेरा तन डोले,मेरा भैया गया परदेश रे अब कौन उड़ाए चुनरिया।

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