संवारे घनश्याम तुम तो
प्रेम का अवतार हो।फस रहा हू संकटों में
तुम ही खेवन हार हो।संवारे घनश्याम तुम तो
प्रेम का अवतार हो।
संवारे लाडले तुम तो
संवारे घनश्याम तुम तो
प्रेम का अवतार हो।
चल रही आँधी भयानक
भवर में नैया फसी।थाम लो पतवार गिरधर
तब ही बेड़ा पार हो।फस रहा हू संकाटो में
तुम ही खेवन हार हो।संवारे घनश्याम तुम तो
प्रेम का अवतार हो।
आप का दर्शन हमे
इस छवि से बाराम बार हो।हाथ मुरली मुकुट सिर पेर और गले में हार हो।
फस रहा हू संकाटो में
तुम ही खेवन हार हो।सांवरे घनश्याम गिरधर
तुम तो प्रेम का अवतार हो।
नंगे पग तज के गरूँ को
दौड़ने वेल प्रभु,देखना निष्फल ना
मेरे आंशुओ की धार हो।फस रहा हू संकाटो में
तुम ही खेवन हार हो।हे सांवरे लाडले
सांवरे घनश्याम तुम तो
प्रेम का आधार हो।
सांवरे घनश्याम तुम तो
प्रेम का अवतार हो।फस रहा हू संकटों में
तुम ही खेवन हार हो।संवारे घनश्याम तुम तो
प्रेम का अवतार हो।