सूखी पड़ी है दिल की ज़मीं मुद्दतों से यार, बनके घटाएं प्यार की बरसात कीजिये। एक बार अकेले में मुलाकात कीजिये।
हिलने ना पाए होंठ और कह जाए बहुत कुछ, आँखों में आँखें डाल कर हर बात कीजिये। एक बार अकेले में ‘मुलाकात कीजिये।
दिन में ही मिले रोज हम देखे न कोई और, सुरज पे ज़ुल्फ़े डाल कर फिर रात कीजिये। एक बार अकेले में मुलाकात कीजिये।
सूखी पड़ी है दिल की ज़मीं मुद्दतों से यार, बनके घटाएं प्यार की बरसात कीजिये। एक बार अकेले में मुलाकात कीजिये।