तर्ज, होलिया में उड़े रे गुलाल
खाटू से आयो बाबा श्याम, देखो कीर्तन में, कीर्तन में, देखो कीर्तन में,
खाटू से आयो बाबा श्याम, देखो कीर्तन में,
भक्तों ने दरबार सजाया,
प्रेम भाव सूं गजरा बनाया, पहरो है बाबो श्याम, देखो कीर्तन में,खाटू से आयो बाबा श्याम…….
लीले सोहे श्याम बिहारी, लीले री तो मस्ती न्यारी,नाचेगो छम छम आज, देखो कीर्तन में,
खाटू से आयो बाबा श्याम…….
बाबा की मुस्कान निराली, सबकी भरेगो झोली खाली, आज लुटेगो माल, देखो कीर्तन में,
खाटू से आयो बाबा श्याम…….
नन्दू सै भगतां के सागे,किस्मत से बाबा के आगे, कह देगो मनड़े री बात, देखो कीर्तन में, खाटू से आयो बाबा श्याम……