कान्हा रे कान्हा तुझे किस ने है जाना, इक मीरा ने जाना तुझे राधा ने जाना, कान्हा रे कान्हा तुझे किस ने है जाना।
तूने गैयाँ चराई तूने माखन चुराया,
तूने जिसका भी खाया उस का वेभव बडाया, ये सुदामा ने देखा जमाने ने जाना, कान्हा रे कान्हा तुझे किस ने है जाना।
तूने रास रचाई महारास रचाए,
तूने भक्तों के ऐसे कुछ रंग चडाये, सबको पागल किया तूने अपना दीवाना, कान्हा रे कान्हा तुझे किस ने है जाना।
तेरा बचपन नशिला तेरा जोबन नशिला, कभी नटखट रहा तू कभी बांका नशिला, तेरी मथुरा दीवानी तेरा गोकुल दीवाना, कान्हा रे कान्हा तुझे किस ने है जाना।
कान्हा रे कान्हा तुझे किस ने है जाना, इक मीरा ने जाना तुझे राधा ने जाना, कान्हा रे कान्हा तुझे किस ने है जाना।