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श्याम भजन लिरिक्स krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Hote biraj ke mor sakhiri hum hote biraj ke mor,होते बृज के मोर सखी री हम होते बृज के मोर,krishna bhajan

होते बृज के मोर सखी री हम होते बृज के मोर।

तर्ज,कैसी बजाई बसुरिया मोहन

होते बृज के मोर सखी री हम होते बृज के मोर


कंहा पर रहते कंहा पर बसते,कंहा पर रहते कंहा पर बसते, सखी री हम कंहा पर करते किलोर, होते बृज के मोर सखी री हम होते बृज के मोर।


मथुरा रहते बृंदावन बसते,मथुरा रहते बृंदावन बसते।सखी री हम गोकुल करते किलोर।होते बृज के मोर सखी री हम होते बृज के मोर।

उड़ उड़ पंख गिरे जमुना में,उड़ उड़ पंख गिरे जमुना में, सखी री उन्हें बीनत नंद किशोर। होते बृज के मोर सखी री हम होते बृज के मोर।

उन पंखन को मुकुट बनायो,उन पंखन को मुकुट बनायो, सखी री उन्हें पहने नंद किशोर,  उन्हें देखें तीनों लोक,सखी री उन्हें देखें जग के लोग। होते बृज के मोर सखी री हम होते बृज के मोर।


रोज सखिरी हम मथुरा जाते ।सुबह सुबह हम जमुना नहाते।मिल जाते वहीं पे हमको प्यारे से चितचोर।होते बृज के मोर सखी री हम होते बृज के मोर।

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