तर्ज –अनोखी थारी झांकी
ओ साँवरिया आँख्या खोल तेरा सेवक अरज गुजारै।
तेरा सेवक अरज गुजारै, ये कद सूं बाट निहारे।। ओ साँवरिया आँख्या खोल तेरा सेवक अरज गुजारै।
थानै नित की श्याम रिझावां,थाने नया नया भजन सुणावां।
बाबा एक बर मुख सूं बोल ,तेरा सेवक अर्ज गुजारै।ओ साँवरिया साँवरिया आँख्या खोल तेरा सेवक अरज गुजारै।
थांने तनिक दया नहीं आवे ,क्यू देर में देर लगावै।म्हारा आंसूड़ा अनमोल ,तेरा सेवक अर्ज गुजारै।ओ साँवरिया साँवरिया आँख्या खोल तेरा सेवक अरज गुजारै।
थानै लाड लडाकर हारा ,मतना दिन घाले प्यारा।मिल के करले तू रमझोल ,तेरा सेवक अर्ज गुजारै।ओ साँवरिया साँवरिया आँख्या खोल तेरा सेवक अरज गुजारै।
है कठिन प्रेम को रस्तो ,चाहे महंगो है चाहे सस्तो।काशी’ लियो तराजू तोल तेरा सेवक अर्ज गुजारै।ओ साँवरिया साँवरिया आँख्या खोल तेरा सेवक अरज गुजारै।