तर्ज, होलिया में उड़े रे गुलाल कहियो रे मंगेतर से
मेरी किस्मत का खोल दिया ताला,
मेरे खाटू वाले ने,
सुख मेरी झोली में डाला,
मेरे खाटू वाले ने…..
नहीं था जग में कोई सहारा,
भटक रहा था मारा मारा,
मुझे रस्ता दिखाया निराला,
मेरे खाटू वाले ने……मेरी किस्मत का खोल दिया ताला,
मेरे खाटू वाले ने,
रींगस पंहुचा लेके उडारी,
लेने आया बांके बिहारी,
मेरा हर संकट हर डाला,
मेरे खाटू वाले ने…….मेरी किस्मत का खोल दिया ताला,
मेरे खाटू वाले ने,
ना कोई दुःख अब ना कोई टेंसन,
मिलने लगी मुझको भी पेंसन,
इस दलीप को झट से संभाला,
मेरे खाटू वाले ने………मेरी किस्मत का खोल दिया ताला,
मेरे खाटू वाले ने,