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श्याम भजन लिरिक्स

Khatu me Darwar lagakar jag ko palanhar Sawro baithyo hai,खाटू मं दरबार लगाकर जग को पालणहारसाँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है,shyam bhajan

खाटू मं दरबार, लगाकर जग को पालणहार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।

तर्ज – चाँद चढ्यो गिगनार




खाटू मं दरबार, लगाकर जग को पालणहार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।




सैं कै घट-घट की यो जाणै,
साँचो प्रेम प्रभु पहचाणै,
करलै इण सैं प्यार, बंदा यो यारां को यार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।खाटू मं दरबार, लगाकर जग को पालणहार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।




ऐं की दया को पार नहीं है,
खुशियां को दातार यो ही है,
तन-मन इण पे वार, बणज्या इणको ताबेदार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।खाटू मं दरबार, लगाकर जग को पालणहार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।




इण की दया सैं तो अणजानो,
शरणागत बण कर ही जाण्यो,
है साँचो दिलदार, ‘नन्दू’ जीवन देवै सँवार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।खाटू मं दरबार, लगाकर जग को पालणहार,
साँवरो बैठ्यो है जी बैठ्यो है ।।

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