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श्याम भजन लिरिक्स

Kaam koi bhi kar nahi paya ghum liya sansar me,काम कोई भी कर नहीं पाया घूम लिया संसार में,shyam bhajan

काम कोई भी कर नहीं पाया, घूम लिया संसार में,

काम कोई भी कर नहीं पाया, घूम लिया संसार में, आखिर मेरा काम हुआ, बाबा के दरबार में ।।



क्या कहना दरबार का, ये सच्चा दरबार है, शीश झुकाकर देख जरा,फिर तो बेड़ा पार है, तेरा संकट दूर करेगा,बाबा पहली बार में, आखिर मेरा काम हुआ,बाबा के दरबार में ।।

जब जब मैंने नाम लिया, तब तन मेरा काम किया, जब जब नैया डोली हैं, उसने आकर थाम लिया, बारह महीनो मने दीवाली, अब मेरे परिवार में, आखिर मेरा काम हुआ, बाबा के दरबार में ।।



अब चिंता की बात नहीं, खुटी तान के सोता हूँ, जब कोई आफत आए, इनके आगे रोता हूँ, इनका पेहरा लगने लगा है, अब मेरे घर बार में, आखिर मेरा काम हुआ, बाबा के दरबार में ।।

अब चिंता की बात नहीं, खुटी तान के सोता हूँ, जब कोई आफत आए, इनके आगे रोता हूँ, इनका पेहरा लगने लगा है, अब मेरे घर बार में, आखिर मेरा काम हुआ, बाबा के दरबार में ।।



इनके पाँव पकड़ ले तू, काम तेरा हो जाएगा, इसकी कृपा हो जाए, बैठा मौज उड़ाएगा, ‘बनवारी’ क्यों घूम रहा हैं, जगह जगह बेकार में, आखिर मेरा काम हुआ, बाबा के दरबार में ।।

काम कोई भी कर नहीं पाया, घूम लिया संसार में, आखिर मेरा काम हुआ, बाबा के दरबार में ।।

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