तर्ज, कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले
फागण में खाटू जाने को तैयार है। हम श्याम दीवानों का आया त्यौहार है। बदला ना है बाबा से कितना प्यार है। तैयार है तैयार है।
यह जोग लगा है कैसा कुछ भी न समझ में आए। देता है श्याम दिखाई जिस और नजर घुमाएं। दिल श्याम हुआ दीदार को तेरे बीमार है।तैयार है तैयार है।
फागण में खाटू जाने को तैयार है। हम श्याम दीवानों का आया त्यौहार है। बदला ना है बाबा से कितना प्यार है। तैयार है तैयार है।
मन में यह आश जगी है हाथों में ध्वजा ले जाऊं। मैं तोरण द्वार पहुंचकर धूली माथे से लगाऊं। फिर हो जाना मेरा भी बेड़ा पार है।तैयार है तैयार है।
फागण में खाटू जाने को तैयार है। हम श्याम दीवानों का आया त्यौहार है। बदला ना है बाबा से कितना प्यार है। तैयार है तैयार है।
पिछले फागण की यादें मेरे मन में है ताजा।तूने भी हुक्म सुनाया आ बेटा खाटू आजा।बिन श्याम तेरे ना पड़ती सजन की पार है।तैयार है तैयार है।
फागण में खाटू जाने को तैयार है। हम श्याम दीवानों का आया त्यौहार है। बदला ना है बाबा से कितना प्यार है। तैयार है तैयार है।