बता दो बात तुम मेरी पिता धरती पर क्यों सोए।
ना मुख से बोलते हैं वो, ना आंखें खोलते हैं वो किसी चिंता में व्याकुल हैं बता दो बात…..
पहले के दो वचन थे जो, वो मैंने आज मांगे हे इसी चिंता में व्याकुल हैं, ये सुन लो राम…
ना मुझको राज प्यारा है, ना मुझे रनवास प्यारा, मुझे तो वनवास प्यारा है ये सुन यह सुन लो राम
उतारो राजसी कपड़े पहन लो मुनियों के का तुम्हें तो वनवास जाना है ये सुन लो राम…..
अयोध्या रो रही सारी, नगर के रो रहे सारे मेरे भगवान जा रहे हैं ये सुन लो मात…..