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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Amar katha koi sune re sunaye uski hoja amar gati,अमर कथा कोई सुने रे सुनावेउसकी होजा अमर गति,shiv bhajan

अमर कथा कोई सुने रे सुनावे
उसकी होजा अमर गति।

सेर करने ने चली रे पार्वती आगे ते आवे नारद मुनि । तेरे पति धोरे अमर कथा है सुनले कोन्या पार्वती।

सांझ हुई जब शंकर आऐ। सुनो नाथ जी सुनो पति जी अमर कथा तेरी कदे ना सुनी। बारह साल म्हारे ब्याह ने हो लिए या शिक्षा आज किसने दई।



सैर करने ने गई हे पार्वती। आगे ते आवे नारद मुनि । तेरे पति धोरे अमर कथा है या शिक्षा नारद मुनि ने दई ।

लगा समाधि शिव शंकर बैठे पार्वती की आंख लगी। अमर कथा जब हुई हे समाप्त पार्वती कि आंख खुली।

सुनो नाथ जी सुनो पति जी अमर कथा तेरी हमने ना सुनी। अमर कथा तुने म्हारी रे ना सूनी ये हुकारे किसने भरे।

उठा बाण शिव शंकर चाले एक तोते पे नजर पड़ी। उड-उड तोता सारे फिर आया किते ना पाई रहने कि जगह।

व्यास जी घर नारी खड़ी थी उसके मुख मे समाय गया। बारह साल मे पुत्र जाया पुत्र जाया रति-रति। अमर कथा कोई सुने रे सुनावे
उसकी होजा अमर गति।

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