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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Mohe dar Lage re Gokul vasi dhire dhire hako thare rathda ne,मोहे डर लागे रे गोकुल वासी धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने,krishna bhajan

मोहे डर लागे रे गोकुल वासी धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।

तर्ज,घडलो थाम

मोहे डर लागे रे गोकुल वासी धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।

माथे का टीका खुल खुल जाए। कान्हा का झुमका खुल खुल जाए। मारी नथनी का मोती बिखर जासी,धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।मोहे डर लागे रे गोकुल वासी धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।तुम रानी सिंगार सजाओ । म्हारी बहन बिलखती रह जासी, धीरे चलाऊं गर रथडा ने।

तुम रानी सिंगार सजाओ । म्हारी बहन बिलखती रह जासी, धीरे चलाऊं गर रथडा ने।मोहे डर लागे रे गोकुल वासी धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।

हाथों का कंगना खुल खुल जावे। गले का हरवा खुल खुल जावे। मारी हाथों की मेहंदी बिगड़ जासी,धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।मोहे डर लागे रे गोकुल वासी धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।तुम रानी सिंगार सजाओ । म्हारी बहन बिलखती रह जासी, धीरे चलाऊं गर रथडा ने।

तुम रानी अब और ना सताओ। म्हारे मायरे का टाइम निकल जासी,धीरे चलाऊं गर रथडा ने।मोहे डर लागे रे गोकुल वासी धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।

पांव की पायल मेरी खुल खुल जावे। रेशमी दुपट्टा हवा में लहरावे। मारी पायल का घुंघरू निकल जासी,धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।मोहे डर लागे रे गोकुल वासी धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।तुम रानी सिंगार सजाओ । म्हारी बहन बिलखती रह जासी, धीरे चलाऊं गर रथडा ने।

माथे की चुनरी मेरी उड़ उड़ जावे। नागिन की चोटी हवा में लहरावे। म्हारे घूंघट से लाज निकले जासि,धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।मोहे डर लागे रे गोकुल वासी धीरे धीरे हांको थारे रथड़ा ने।

तुम रानी सिंगार सजाओ । म्हारी बहन बिलखती रह जासी, धीरे चलाऊं गर रथडा ने।

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