मेरे दुख में भी मेरे सुख में भी मेरे साथ निभाते हैं। मैं जब भी कहीं पुकारू खाटू वाले आते हैं।
मुझको आप परवाह नहीं है बैरी जमाने की। बैरी जमाने की । दुख की बातें जान गए तेरे मेरे याराने की। तुम मत घबरा बस मौज उड़ा मुझे यही बताते हैं।मैं जब भी कहीं पुकारू खाटू वाले आते हैं।
मेरे दुख में भी मेरे सुख में भी मेरे साथ निभाते हैं। मैं जब भी कहीं पुकारू खाटू वाले आते हैं।
नहीं चिंता घर की अब मुझे ना परिवार की। ना परिवार की की। तुमने डोर जो थाम ली है मेरे संसार की। मेरे पल पल की मेरे हर कल की उलझन सुलझाते हैं।मैं जब भी कहीं पुकारू खाटू वाले आते हैं।
मेरे दुख में भी मेरे सुख में भी मेरे साथ निभाते हैं। मैं जब भी कहीं पुकारू खाटू वाले आते हैं।
सांस सांस रोहित की अब बाबा के नाम है, बाबा के नाम है। जो भी है बस तेरी महिमा लिखना काम है। दर आते रहे सब पाते रहे हम शुक्र मनाते हैं।।मैं जब भी कहीं पुकारू खाटू वाले आते हैं।
मेरे दुख में भी मेरे सुख में भी मेरे साथ निभाते हैं। मैं जब भी कहीं पुकारू खाटू वाले आते हैं।