लै गए चीर मुरारी, मैं कैसी करूँ।
सात सखी जमुना जल उतरीं, धर दिए चीर उतारी, मैं कैसी करूँ।लै गए चीर मुरारी, मैं कैसी करूँ।
चीर चुराय कदम चढ़ि बैठे, हम जल बीच उघारी, मैं कैसी करूँ।लै गए चीर मुरारी, मैं कैसी करूँ।
हाथ जोड़ हम बिनती करत हैं,
जाओ चीर मुरारी, मैं कैसी करूँ।लै गए चीर मुरारी, मैं कैसी करूँ।
तुम्हरा चीर तभी हम देंगे, जल से हो जाओ न्यारी, मैं कैसी करूँ।लै गए चीर मुरारी, मैं कैसी करूँ।
जल से न्यारी जो हम होंगी, लोग हँसेंगे दै दै तारी, मैं कैसी करूँ।लै गए चीर मुरारी, मैं कैसी करूँ।
लोग हँसेंगे तुम्हरा क्या रे करेंगे, हम हैं पुरुष तुम नारी, मैं कैसी करूँ।लै गए चीर मुरारी, मैं कैसी करूँ।
ब्रह्मानन्द धन्य ब्रज गोपी, भवसागर प्रभु तारीं, मैं कैसी करूँ।लै गए चीर मुरारी, मैं कैसी करूँ।