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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Kun sajayi dadiji the Lago pyari bandi,कून सजाई दादी जी थे लागो प्यारी बन्दडी,dadi bhajan

कून सजाई दादी जी थे लागो प्यारी बन्दडी।

कठ्ठे सु आयो चुडलो कठ्ठे सु आई चुनरी।थाने कून सजाई दादी जी थे लागो प्यारी बन्दडी।

थारो बोडलो मां हटके,कानों में कुंडल लटके। कून हीरा जड़ी पहनाई दादी नाक में थारे नथलि।

कठ्ठे सु आयो चुडलो कठ्ठे सु आई चुनरी।थाने कून सजाई दादी जी थे लागो प्यारी बन्दडी।

थाने गजरो कून पहरायो रोली को टिको लगायो। थारे कून रचाई दादी जी हाथा में प्यारी मेहंदी।

कठ्ठे सु आयो चुडलो कठ्ठे सु आई चुनरी।थाने कून सजाई दादी जी थे लागो प्यारी बन्दडी।

थारे कमर तगड़ी सोंहे, बाजूबंद मनड़ो मोहे।थाने बोलो कून पहनाई जी पैरों में बिछिया दादी।

कठ्ठे सु आयो चुडलो कठ्ठे सु आई चुनरी।थाने कून सजाई दादी जी थे लागो प्यारी बन्दडी।

थारे पैरों में पायल बाजे, माथे पर बिंदिया साजे। थारी हर्ष उतारे आरती, और स्वाति चरना पसरी।

कठ्ठे सु आयो चुडलो कठ्ठे सु आई चुनरी।थाने कून सजाई दादी जी थे लागो प्यारी बन्दडी।

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