दादी जी पलका ने उघाड़ो।दादी जी पलका ने उघाड़ो। थारे भक्ता ने थारे टाबरा ने आज निहारो म्हारा दादी जी।
मावड़ली शरण पड़ा हां थारी।म्हारे सिर पर हाथ धराज्यो दादीजी।दादी जी पलका ने उघाड़ो। थारे भक्ता ने थारे टाबरा ने आज निहारो म्हारा दादी जी।
थारी मां बहुत घनी सकलाई। महाराज सोता भाग जगाद्यो म्हारा दादी जी।दादी जी पलका ने उघाड़ो। थारे भक्ता ने थारे टाबरा ने आज निहारो म्हारा दादी जी।
घर घर में थारो डंको बाजे।थारी मायड़ जोत सवाई म्हारा दादीजी।दादी जी पलका ने उघाड़ो। थारे भक्ता ने थारे टाबरा ने आज निहारो म्हारा दादी जी।
मैया थे सेठानी कुहाओ।थारे हर्ष की करो सहाई म्हारा दादीजी।दादी जी पलका ने उघाड़ो। थारे भक्ता ने थारे टाबरा ने आज निहारो म्हारा दादी जी।