सुन ओ कृष्ण की मां बहुत दिल काला है। मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
मेरी राधा तो चांद के रंग सी रूप उजियारी है। तेरा कान्हा तू जैसे रतिया कारी है।तेरा कान्हा तू जैसे रतिया कारी है।तेरा कान्हा तू जैसे रतिया कारी है। मैंने बड़े लाड से लाडली को पाला है।मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
सुन ओ कृष्ण की मां बहुत दिल काला है। मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
मेरी राधा चंपाकली का रंग सुनहरा है। तेरा कान्हा तो जैसे काला भौंरा है।तेरा कान्हा तो जैसे काला भौंरा है।तेरा कान्हा तो जैसे काला भौंरा है। मैंने बड़े ना जिसे लाडली को संभाला है। मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
सुन ओ कृष्ण की मां बहुत दिल काला है। मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
रख ले तू अपनी राधा कहीं छुपा कर के। क्या तूने जन्म दिया है सोना खाकर के। मेरा श्याम लाल आदि अंखियों का उजाला है।मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
सुन ओ कृष्ण की मां बहुत दिल काला है। मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
सुन काले की कुछ बात कहीं कुछ और है। मैंने सुना तेरा लाला माखन चोर है। अब बोल जरा क्यों लगा जुबां पर ताला है।मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
सुन ओ कृष्ण की मां बहुत दिल काला है। मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
मेरे मोहन को माखन मिश्री भाता है। हां कभी-कभी थोड़ा छुप-छुपकर खाता है। मेरा श्याम लाला तो बड़ा ही दिल वाला है। मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
सुन ओ कृष्ण की मां बहुत दिल काला है। मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
मेरे मोहन को कहां दुल्हन का घाटा है। लड़की वालों ने मेरे लाल को छांटा है। क्यों बातें करती लगाकर मिर्च मसाला है। मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।
सुन ओ कृष्ण की मां बहुत दिल काला है। मै ना राधा ब्याह रचाऊं कन्हैया तेरा काला है।