तर्ज – कीर्तन की है रात
शरणागत की श्याम बाबा लाज बचाओ जी
थारी मोर छड़ी लहराओ जी , थारी मोर छड़ी लहराओ ।
मजधार में बाबा, अटकी पड़ी नईया, थे बेडा पार करो,
लाखो को तारे हो, बेटे को भूले क्यों, प्रभु उपकार करो
भटके हुए को श्याम आके रह दिखाओ जी ।थारी मोर छड़ी लहराओ जी , थारी मोर छड़ी लहराओ ।
बरसा सु बंद है, तक़दीर का ताला, दयालु खोल दयो!
चरणों में बिठा कर के, दो शब्द मीठा सा , थे मुख से बोल दयो।
टाबरिया के श्याम , सिर प हाथ फिराओ जी ।थारी मोर छड़ी लहराओ जी , थारी मोर छड़ी लहराओ ।
हालात का मारयो , दुखों सु मैं हारयो , मेरा उद्धार करो!
तेरा सहारा है, तेरे हर्ष को अब तो, घणी स्वीकार करो।
हारयोडा की श्याम , थे ही जीत कराओ जी ।
तेरी मोर छड़ी लहराओ जी, तेरी मोर छड़ी लहराओ।
शरणागत की श्याम बाबा लाज बचाओ जी
थारी मोर छड़ी लहराओ जी , थारी मोर छड़ी लहराओ ।