तर्ज – दिल दीवाने का डोला
सांवरिया तुझसे रिश्ता, इतना ख़ास हो जाये,
मैं कहीं रहूँ मेरा श्याम, मेरे पास हो जाये ।।
ग्यारस को खाटू आऊँ, चौखट पर धोक लगाऊँ,
मैं बैठ सामने तेरे, तुझे मीठे भजन सुनाऊँ,
हर सांस में नाम तेरा हो, ऐसी सांस हो जाये ।।
मैं कहीं रहूँ, मेरा श्याम मेर पास हो जाये ।।
मैं भूल के रिश्ते सारे, तुझसे ही नाता जोडूँ,
जो बंधे प्रेम का धागा, वो कभी नहीं मैं तोड़ूँ,
मैं दीवाना तेरा सबको, विश्वास हो जाये ।।
मैं कहीं रहूँ, मेरा श्याम मेरे पास हो जाये ।।
मैं रहूँ मगन तुझमे ही, और सेवा की मस्ती हो,
कहलाऊँ श्याम का प्रेमी, ऐसी मेरी हस्ती हो,
हो ‘चौखानी’ को दर्द तुझे, एहसास हो जाये ।।
मैं कहीं रहूँ, मेरा श्याम मेरे पास हो जाये ।।
सांवरिया तुझसे रिश्ता, इतना ख़ास हो जाये,
मैं कहीं रहूँ मेरा श्याम, मेरे पास हो जाये ।।