तर्ज, चांदी जैसा रंग है तेरा
पवनपुत्र है नाम तुम्हारा, ओ अंजनी के लाल, एक तू ही भगवान हो, मेरे झूठा जग संसार,
राम के तूने काज सवारे, लक्ष्मण प्राण बचाये, द्रोणागिरी पर्वत पर जाके, सरजीवन ले आये -2, बूंटी पिला के प्राण बचाये, ओ अंजनी के लाल।एक तू ही भगवान हो, मेरे झूठा जग संसार,
पवनपुत्र है नाम तुम्हारा, ओ अंजनी के लाल, एक तू ही भगवान हो, मेरे झूठा जग संसार,
रामनाम नित पत्थर को वो, पानी मे तिराये, राम लखन बैठे फिर दूजे, देख देख मुस्काय-2 सिया का पता लगाया तूने, ओ अंजनी के लाल।एक तू ही भगवान हो, मेरे झूठा जग संसार,
पवनपुत्र है नाम तुम्हारा, ओ अंजनी के लाल, एक तू ही भगवान हो, मेरे झूठा जग संसार,
एक हाथ में गदा उठाये, दूजे में पर्वत लाये, मंगल को सत्संग में तेरी महिमा गाय, न पाए- महिमा अपरंपार, चांदी का चोला चढ़ा है तेरे, ओ अंजनी के लाल।एक तू ही भगवान हो, मेरे झूठा जग संसार,
पवनपुत्र है नाम तुम्हारा, ओ अंजनी के लाल, एक तू ही भगवान हो, मेरे झूठा जग संसार,