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श्याम भजन लिरिक्स

Dani mere shish ke Dani jaisa koi nahi,दानी में सबसे बड़ा दानी बड़े मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं,shyam bhajan

दानी में सबसे बड़ा दानी बड़े मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं।

दानी में सबसे बड़ा दानी बड़े मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं। मेरे श्याम के जैसा कोई नहीं, मेरे बाबा के जैसा कोई नहीं।दानी में सबसे बड़ा दानी बड़े मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं।

कलयुग का देव निराला है। हारे को जिताने वाला है। इनके लिले सा कोई नहीं, इनके भक्तों सा कोई नहीं।दानी में सबसे बड़ा दानी बड़े मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं।

जब भक्तों पर विपदा आए, यह मोर छड़ी लहरा जाए। इनकी कृपा का पार नहीं, इनकी लीला का पार नहीं।दानी में सबसे बड़ा दानी बड़े मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं।

अर्जियां हजारों होती है आशीष सभी अखाड़े में। आलू सिंह जैसा कोई नहीं और श्याम बहादुर जैसा कोई नहीं। दानी में सबसे बड़ा दानी बड़े मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं।

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