ऐसा है हारे का सहारा,
लगता है सबसे ही प्यारा,
जिसने इसे निहारा,
उसे आना पड़ेगा,
खाटू में दुबारा।
ऐसा है हारे का सहारा,
लगता है सबसे ही प्यारा,
जिसने इसे निहारा,
उसे आना पड़ेगा,
खाटू में दुबारा।
खाटू के दरबार में,
जो आये इक बार,
जैसे ही करता है वो,
पार वो तोरण द्वार,
लगता है ऐसे,
पकड़ा हो जैसे,
इसी ने हाथ हमारा,
उसे आना पड़ेगा,
खाटू में दुबारा।
खाटू सा देखा नहीं,
हमने कोई द्वार,
जहाँ पैर रखते ही बस,
बन जाते हैं काम,
भर देता है,
पल में दामन,
करके एक ईशारा,
उसे आना पड़ेगा,
खाटू में दुबारा।
ऐसा है हारे का सहारा,
लगता है सबसे ही प्यारा,
जिसने इसे निहारा,
उसे आना पड़ेगा,
खाटू में दुबारा।
धीरज देता है सदा,
भक्तों को दिन रात,
ऐसा देव दूजा नहीं,
करे जो सबसे बात,
पल में दीवाना,
कर देता है,
जो इक बार पुकारा,
उसे आना पड़ेगा,
खाटू में दुबारा।
ऐसा है हारे का सहारा,
लगता है सबसे ही प्यारा,
जिसने इसे निहारा,
उसे आना पड़ेगा,
खाटू में दुबारा।
ऐसा है हारे का सहारा,
लगता है सबसे ही प्यारा,
जिसने इसे निहारा,
उसे आना पड़ेगा,
खाटू में दुबारा।
ऐसा है हारे का सहारा,
लगता है सबसे ही प्यारा,
जिसने इसे निहारा,
उसे आना पड़ेगा,
खाटू में दुबारा।