प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर
मन हरषावे है प्यारा सांवरियां ।
सज्यो धजो बनडों सो बनकर
सिंहासन पर बैठ्यो जी
मोटा मोटा सेठ द्वार पर
चँवर डुलावे है ।।प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां ।
सेठा को भी सेठ जगत को
महा सेठ सांवरिया जी
जो भी आवे द्वार पर
अपडा शीश झुकावे है ।।प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां ।
शीश मुकुट कानन में कुंडल
गले में बैजंती माला जी
रतन जड़ित बागों
सोना को छतर सुहावे है ।।प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां ।
झूठो रंग छाड़ि गया सब
लक्ष्मी संग बन जावो जी
नंदू बाबा सबकी नैया
पार लगावे जी ।।प्यारा साँवरिया थारा ठाठ देखकर मन हरषावे है प्यारा सांवरियां ।