नीत प्रेम की गंगा बहती है बालाजी तुम्हारे चरणों में। नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में ।फल मिलता है सब तीर्थो का बाला जी तुम्हारे चरणों में।
मैं जनम जनम से भटका हूँ अब शरण तुम्हारी आया हूँ। हम भूले भटके जीवो का कल्याण तुम्हारे चरणों में। नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में।
दुखियो के कष्ट मिटाते है दुःख लेकर सुख पहुंचाते है। मिले जनम मरण छुटकारा आ तुम्हारे चरणों में। नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में।
एक बार जो दर्शन पाता है दिल तुमको ही दे जाता है। क्या खूब भरे है भक्ति के भंडार तुम्हारे चरणों में। नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में।
नीत प्रेम की गंगा बहती है बालाजी तुम्हारे चरणों में। नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में ।फल मिलता है सब तीर्थो का बाला जी तुम्हारे चरणों में।